हमारा प्यारा देश भारत पर कविता
भारत
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भारत है ऐसा भू - भाग जहाँ,
हर मजहब के लोग रहते हैं।
प्यार से इसकी माटी को,
हम भारत माता कहते हैं ।
इसके उत्तर में हिम गिरी हिमालय ,
जिसे भारत का प्रहरी कहते हैं।
देखकर जिसके विशाल काया को ,
दुश्मन भी सदेव भयभीत रहते हैं।।
जहाँ लोग नदियों की पूजा करते,
सूर्य देव को अर्घ्य चढ़ाते हैं।
पवित्र गंगा में गोता लगाकर,
सुबह शाम हर - हर गंगे गाते हैं।
बसते हैं रज के कण - कण में,
परम्पराओं का परिधान है यहाँ।
संस्कृति है इसकी अनमोल धरोहर,
पढते संग में गीता और कुरान जहाँ।
ऋषि - मुनियों की यह पावन भूमि,
महापुरुषों व विद्वानों का वरदान है।
संस्कृत के हर श्लोकों में छिपा,
आयुर्वेद ,गीता और पूरा विज्ञान है।।
एक सौ पेंतीस करोड़ जन यहाँ,
एक साथ जन मन गीत को गाते हैं।
इसकी सोलह सौ अठारह भाषाएँ,
हम एक साथ होली, ईद मनाते हैं।।
हम उत्तर से लेकर दक्षिण तक,
इसके पूरब से लेकर पश्चिम तक।
केसरिया,श्वेत और हरे रंगों वाली,
बस एक ही तिरंगा हम फहराते हैं।
जहाँ गुरू - शिष्य की है परम्परा,
अतिथियों को देव माना जाता है।
ज्ञान से सिंचित इस देव भूमि को ,
हम सब " भारत " माता कहते हैं।
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कुन्दन बहरदार
(पूर्णिया, बिहार)
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