सुबह पर कविता //प्रातः काल पर सुन्दर कविता
मनहर धनाक्षरी भोर के किरण संग, फूल खिले लाल रंग । नववर्ष की स्वागत है,छवि अभिराम है।। ओस भी चमक रही, फूल से लिपट रही। बिदाई की बेला है, दिवाकर प्रणाम है।। रक्ताभ है आसमान,पंछी भरते उड़ान। धरती हरित दिखे, शोभा ललाम है।। अश्वरथी आगमन, स्वर्ण लगे सिंहासन । धूप छाँव ऐसे लगे,जैसे राम श्याम है।। ................................................. केवरा यदु "मीरा " राजिम प्रातः काल पर सुन्दर कविता नव वर्ष पर कविता रक्षाबंधन पर कविता पढें सुन्दर गीत पढें हमारा देश भारत पर सुन्दर कविता पढें